Ling kise kahate hain | लिंग किसे कहते हैं?

नमस्कार मित्रों, इस आर्टिकल में हम पढ़ेंगे लिंग किसे कहते हैंLing kise kahate hain,हिंदी व्याकरण में लिंग कितने प्रकार के होते हैं। शब्दों का लिंग परिवर्तन कैसे किया जाता है। प्रतियोगिता परीक्षा में इस टॉपिक से प्रश्न पूछे जाते हैं। बहुत सरल भाषा में इस विषय पर हम चर्चा करेंगे तो चलिए शुरू करते हैं।

Ling kise kahate hain , लिंग किसे कहते हैं
             Ling Kise Kahate Hain

लिंग की परिभाषा –

लिंग‘ संस्कृत भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ होता है , चिन्ह या निशान। यह चिह्न या निशान किसी संज्ञा का ही होता है। अर्थात सभी संज्ञाएँ किन न-किसी लिंग की होती है।

परिभाषा- शब्द के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि (संज्ञा) यह पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का, उसे ling kahate hain.

प्रकार- हिन्दी में दो प्रकार के लिंग होते हैं-

1). पुल्लिंग– पुरुषत्व का बोध कराने वाले शब्द पुल्लिंग कहलाते हैं, जैसे- लड़का, शेर, हाथी, बैल।

2). स्त्रीलिंग– स्त्रीत्व का बोध कराने वाले शब्द स्त्रीलिंग कहलाते हैं, जैसे- लड़की, शेरनी, हथिनी, गाय।

संस्कृत भाषा में तीन लिंग और अंग्रेजी भाषा में चार लिंग है, पर हिन्दी भाषा केवल में दो ही लिंग- पुल्लिंग और स्त्रीलिंग हैं। नपुंसक लिंग हिन्दी में नहीं है। अतः हिन्दी में सारे पदार्थवाचक शब्द, चाहे वे सजीव हों या निर्जीव, स्त्रीलिंग और पुल्लिंग इन्ही दो लिंगों में ही विभक्त हैं। 

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लिंग की पहचान-

प्राणीवाचक संज्ञाओं के लिंग की पहचान उनकी शारीरिक संरचना से हो जाती है। पर अन्य अथवा विविध संज्ञाओं के लिंग की पहचान का कोई निश्चित नियम नहीं है। केवल परंपरागत लिंग मान्यताएँ ही स्वीकृत हैं।

अन्य अथवा विविध संज्ञाओं में पुल्लिंग-

दिनों के नाम (सोमवार), महीनों के नाम (चैत्र),
वृक्षों के नाम (पीपल), अनाजों के नाया(गेहूँ),
देशों के नाम (भारत), पर्वतों के नाम (हिमालय),
ग्रहों के नाम (सूर्य), शरीर के अंगों के नाम (हाथ),
धातुओं के नाम (सोना), द्रव्य पदार्थो के नाम (दूध) आदि पुल्लिंग शब्द होते हैं।

जिन शब्दों में पन, अक, त्व, आव, आपा, आर, एरा, वाला आदि प्रत्यय या शब्दांश जुड़े होते हैं वे भी पुल्लिंग होते हैं, जैसे- लड़कपन, धावक, पुरुषत्व, चढ़ाव, बुढ़ापा, सुनार, सवेरा, दूध वाला आदि।

अन्य अथवा विविध संज्ञाओं में स्त्रीलिंग-

भाषाओं के नाम (हिन्दी), बोलियों के नाम (भोजपुरी), लिपियों के नाम (देवनागरी), नदियों के नाम (गंगा), शरीर के अंगों के नाम (नाक), आभूषणों के नाम (टिकुली), आहारों के नाम (रोटी), किराना वस्तुओं के नाम (मिर्च), तिथियों
के नाम (द्वितीया) आदि स्त्रीलिंग होते हैं।

जिन शब्दों में ता, आई, आहट, आवट ई, आस आदि प्रत्यय या शब्दांश जुड़े हों वे भी स्त्रीलिंग होते हैं, जैसे- मानवता, पढ़ाई, गरमाहट, मिलावट, पुत्री,
मिठास आदि।

सदा (नित्य) पुल्लिंग रहने वाले शब्द, जिन्हें स्त्रीलिंग करने के लिए ‘मादा’
शब्द लगाते हैं-
कौआ- मादा कौआ
चीता – मादा चीता
भेड़िया – मादा भेड़िया
उल्लू – मादा उल्लू
भालू – मादा भालू

सदा (नित्य) स्त्रीलिंग रहने वाले शब्द, जिन्हें पुल्लिंग करने के लिए ‘नर’
शब्द लगाते हैं-
मछली – नर मछली
कोयल- नर कोयल
नर मक्खी – नर मक्खी
मच्छर – मादा मच्छर
गिलहरी – नर गिलहरी
तितली – नर तितली
छिपकली – नर छिपकली

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